Author: Sachin
राहत इंदौरी Ghazals – हर इक चेहरे को जख्मों का आईना ना कहो
मस्जिदों के सहन तक जाना बहुत दुश्वार था देर से निकला तो मेरे रास्ते में दार था अपने ही फैलाव के नशे में खोया था दरख्त और हर मौसम टहनी पर फलों का बार...
50 बेहद मशहूर ग़ज़ल
[stextbox id=’warning’] सर पर जो सायबां थे, पिघलतें हैं धूप में । सब दम-ब-खुद खडे् हुए जलतें हैं धूप में ।। पहचानना किसी का किसी को कठिन हुआ । चेहरे हजार रंग बदलतें हैं...