50 बेहद मशहूर ग़ज़ल
[stextbox id=’warning’] सर पर जो सायबां थे, पिघलतें हैं धूप में । सब दम-ब-खुद खडे् हुए जलतें हैं धूप में ।। पहचानना किसी का किसी को कठिन हुआ । चेहरे हजार रंग बदलतें हैं...
[stextbox id=’warning’] सर पर जो सायबां थे, पिघलतें हैं धूप में । सब दम-ब-खुद खडे् हुए जलतें हैं धूप में ।। पहचानना किसी का किसी को कठिन हुआ । चेहरे हजार रंग बदलतें हैं...