दिवाली ग़ज़ल
आँखों के दीये रौशन ,दिल नूर के प्याले हैं . क्या खूब दिवाली है ,क्या ख़ूब उजाले हैं . इस बार के मिलने पर एहसास ये जागा है . पहचान पुरानी है ,अंदाज़ निराले...
आँखों के दीये रौशन ,दिल नूर के प्याले हैं . क्या खूब दिवाली है ,क्या ख़ूब उजाले हैं . इस बार के मिलने पर एहसास ये जागा है . पहचान पुरानी है ,अंदाज़ निराले...