Story
अकबर बादशाह पता नही दिमागी हिले हुए थे कि क्या हुआ था, जब भी वो अपने सभा में बैठते थे वो कोई कोइ ना कोई सवाल पूछते ही रहते थे और ज्यादा तर सवाल बीरबल से ही पूछते थे क्योँकि बीरबल बाद्शाह अकबर के बाकी सभी मंत्रियों से कुछ ज्यादा ही बुद्धिमान थे|
जिस पहेली को राजा के कोई भी मंत्री नहीं सुलझा पाते थे, बीरबल उसे सुलझा देते थे।
इसी तरह एक दिन बाद्शाह अकबर अपने सभी मंत्रियों के साथ दरबार में बैठे हुए थे कि उनके दिमाग में एक सवाल आया और बीरबल से कहा की बीरबल बताओ…
भगवान कहाँ है?
भगवान कैसा दिखता है?
और भगवान क्या करता है?
ये सुनकर बीरबल हडबड़ा सा गया की बाद्शाह ने ये पूछ लिया, लेकिन बीरबल ने हार नहीं मानी और कहा कि बादशाह आपके इस सवाल का जवाब मैँ कल दूँगा।
बाद्शाह अकबर – ठीक है।
बीरबल अपने घर गया और परेशान होकर पूरे घर में इधर से उधर घूम रहा था कि कल मैं बाद्शाह अकबर को क्या जवाब दूँगा, इतने में उसका बेटा वहा आया और पूछा पिताजी क्या बात है आप इतने चिंगित क्यों हैं, आप मुझे बतयिये सायद मैं आपकी कुछ मदद कर सकूँ।
बीरबल ने अपने बेटे को सारी बात विस्तार से बतायी और कहा कि समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ।
बीरबल क़े बेटे ने सारी बात को ध्यान से सुना और थोड़ी देर चुप रहने के बाद बोला कल आप मुझे अपने साथ दरबार में ले चलो, बाद्शाह को उनके सारे सवालों के जवाब मैं दूँगा।
बीरबल ने अपने बेटे को दरबार में ले जाने से मना कर दिया कि तु वहा जाकर क्या करेगा। लेकिन बेटे के बहुत कहने के बाद बीरबल ने उसकी बात मान ली।
और सुबह होते ही अपने बेटे के साथ बीरबल बाद्शाह अकबर के दरबार में हाजिर हुआ।
बाद्शाह अकबर बीरबल को देखते ही बोला सवाल का जवाब लाये हो ना।
बीरबल – बाद्शाह आपके इस छोटे से सवाल का जवाब तो मेरा बेटा भी दे सक्ता है।
बाद्शाह अकबर – अछा, तो बताओ,
भगवान कहाँ है?
बीरबल के बेटे ने इस सवाल का जवाब देने के लिये बाद्शाह अकबर से “सक्कर मिलाकर एक गिलास दूध मंगवाने को कहा”।
बाद्शाह ने दूध मँगवा दिया।
लड़के ने बाद्शाह अकबर से पूछा कि बाद्शाह इस दुध के गिलास मे सक्कर मिला हुआ है क्या?
बाद्शाह ने कहा – हाँ,
लड़के ने फिर पूछा क्या वो दूध में दिख रहा है?
बाद्शाह ने कहा नहीं, लड़के ने कहा ठीक उसी तरह भगवान हर जगह है, कण-कण में है, मुझमें है आप में है लेकिन वो दिखता नहीं है।
बाद्शाह अकबर लड़के के इस जवाब को स्वीकार करते हुए अपना दूसरा सवाल लड़के के सामने रखा…
भगवान कैसा दिखता है?
लड़के ने बाद्शाह अकबर से एक कटोरी दही मंगवाने को कहा, बाद्शाह ने दही मँगवा दी।
लड़के ने बाद्शाह से फिर सवाल किया “इस दही में मक्खन है क्या?”
बाद्शाह ने जवाब दिया “हाँ है पर मक्खन निकालने के लिये दही को मथ्ना पड़ेगा”। लड़के ने जवाब दिया ठीक उसी तरह मन्थन करने पर ही भगवान के दर्शन हो सकते है।
बाद्शाह ने बीरबल के बेटे की वाह-वाही करते हुए अपना अगला सवाल लड़के के सामने पेस किया।
भगवान करता क्या है?
लड़के ने जवाब दिया – “बाद्शाह उसके लिये आपको मुझे अपना गुरु स्वीकार करना पड़ेगा थोड़ी देर के लिये”, बाद्शाह अकबर ने कहा ठीक है, तुम मेरे गुरु हो और मैं तुम्हरा शिष्य।
लड़के ने बाद्शाह से कहा गुरु का स्थान हमेसा शिष्य से ऊपर होता है, बाद्शाह ने तुरन्त अपना सिंहासन लड़के के लिये छोड़ दिया और खुद जाकर नीचे लड़के के स्थान पर बैठ गये।
लड़के ने बाद्शाह से कहा भगवान यही तो करता है।
बाद्शाह ने पूछा क्या? मैं कुछ समझा नहीं।
लड़के ने जवाब दिया “पल भर में राजा को रंक और रंक को राजा बनाने का काम”।
बाद्शाह बीरबल के बेटे के हर जवाब से प्रसन्न होकर उसे बहुत साबासी और ढेर सारा पुरस्कार देकर बिदा कर दिया।
सीख – भगवान हर जगह मौजूद है, हम सबके अंदर ही छिपकड़ बैठा है बस जरुरत है तो अपने अंदर उसे पह्चान्ने की।