Short Funny Story
बच्चे की पैदाइश के बाद डिलीवरी रूम से
निकले एक घंटा बीत जाने पर औरत को अभी-अभी होश आया!
बदन में ताक़त बिलकुल ख़त्म हो गयी थी …
करवट लेना तो दूर की बात हिलने में भी बेपनाह दिक्कत हो रही थी!
उसने बड़ी मुश्किल से दाहिने हाथ को हरकत दी,
कुछ टटोला, हाथ को कुछ महसूस नहीं हुआ
फिर बाएँ हाथ को हरकत देने की कोशिश की…
कुछ नहीं हाथ लगा. वह बेचैन हो गई.
खयाल आया कहीं नीचे लुढ़क के गिर तो नहीं गया!
ओह खुदाया…!
हिम्मत जुटा कर बमुश्किल पलंग के नीचे देखा, नीचे भी नहीं …
मन में घबराहट होने लगी….. माथे पर पसीने की बूंदें नुमाया हो गयीं.
दूर खड़ी नर्.स को इशारे से बुलाया …
होंठ हिले पर अल्फ़ाज़ नहीं निकल सके.
नर्स ने औरत की घबराहट महसूस कर ली…
उसकी आँखें भी नम हो गयीं…
आखिर वह भी माँ थी, और माँ की तड़प को कैसे ना समझ पाती?
दौड़ कर इन्क्यूबेटर रूम से नव जन्मे बच्चे को लाकर उस माँ के हाथों में थमाते हुए कहा,
“मैं समझ सकती हूँ बहनलो …जी भर के देख लो.”
औरत अपनी तमाम हिम्मत जुटा कर माथा पोछते हुए बोली …
“बहुत शुक्रिया, लेकिन मैं तो अपना मोबाइल ढूँढ़ रही थी…
फेसबुक पर स्टेटस् लगाना है कि मैं माँ बन गयी हूँ.”
सचमुच इस दुनिया का अब कुछ नहीं हो सकता …