हिंदी फनी स्टोरी
एक शहर में एक बहुत प्रसिद्ध स्कूल था जिसमें दाखिला (admission) लेना आसान नहीं होता था। और अगर किसी को दाखिला मिल जाता तो समाज में उसे बहुत सम्मान मिलता था।
उस स्कूल में दाखिला लेने के लिये एक नियम था कि दाखिला से पहले बच्चे का इंटरव्यू होगा और अगर इंटरव्यू में वो पास होगा तो ही उसे दाखिला मिलेगा।
एक parent अपनी लड़की का दाखिला U.K.G में उस स्कूल में कराने के लिये बहुत उत्सुक थे और दाखिला कराने के लिये अपनी लड़की को लेकर इंटरव्यू देने के लिये स्कूल पहुँच गये।
वहाँ पहुँचकर parents वहाँ रखे सोफे पर बैठ गये और लड़की प्रधानाचार्य (principal) के सामने कुर्सी पर इंटरव्यू के लिये बैठ गयी।
और लड़की का इंटरव्यू शुरु हो गया, कुछ इस तरह से…
प्रिंसिपल – आपका नाम क्या है?
लड़की – कामाक्षी।
प्रिंसिपल – आप मुझे कुछ बताओ, जो आप अच्छे से जानती हो।
लड़की – मुझे बहुत कुछ पता है, आप क्या जानना चाहती हो?
“वहाँ बैठी लड़की की माँ अपने मन ही मन सोच रही थी कि अभी तक इसने कुछ भी ऐसा नही बोला जिससे इसका दाखिला इस स्कूल में हो सके और उन्होंने अपनी लड़की की मदद करने की सोची लेकिन प्रिंसिपल ने मना कर दिया।”
लड़की की तरफ देखकर प्रिंसिपल ने पूछा – आप मुझे कोई कविता या कहानी सुनाओ।
लड़की – साफ-साफ बोलो आप सुनना क्या चाहती हो… कविता या कहानी।
प्रिंसिपल – अच्छा, आप मुझे कोई कहानी सुनाओ।
लड़की – आप कौन सी कहानी सुनना पसंद करोगी, जो मैं लिखती हूँ या जो पढ़ती हूँ।
प्रिंसिपल आश्चर्य के साथ – अरे ! तुम कहानियाँ भी लिखती हो?
लड़की – क्यों नहीं लिखनी चाहिये?
प्रिंसिपल लड़की की बातों से प्रभावित होकर बोलीं – अच्छा आप जो कहानी लिखती हो वो सुना दो.
लड़की – एक दिन रावण सीता का अपहरण (kidnapped) कर लेता है और लंका लेकर चला जाता है।
“शुरुआत में प्रिंसिपल को कुछ खास नहीं लगा लेकिन उन्होंने उसको उत्साहित किया और फिर आगे क्या हुआ, पूछा।”
लड़की – राम ने सीता को बचाने के लिये हनुमान से मदद माँगी और हनुमान राम की मदद करने के लिये तैयार हो गये।
प्रिंसिपल – फिर क्या हुआ?
लड़की – फिर हनुमान ने अपने दोस्त spider man को फोन करके बुलाया…
किसी ने भी इस twist के बारे में नहीं सोचा था”
प्रिंसिपल – क्यों?
लड़की – क्योँकि भारत और श्री लंका के बीच में बहुत सारी नदियां और पहाड़ आते रहते हैं इसलिये अगर हनुमान के पास spider man रहेगा तो उसकी जाल की मदद से जल्दी पहुँच सकते हैं।
प्रिंसिपल – लेकिन हनुमान को तो उड़ना आता है न कि नहीं?
लड़की – हाँ, लेकिन उनके एक हाथ में संजीवनी पहाड़ है न इसलिये वो बहुत ते़ज नहीं उड़ सकते।
“ये सुनकर वहाँ बैठे सब हैरान हो गये लेकिन सब चुप रहे”
कुछ देर बाद लड़की ने पूछा – मैं पूरी कहानी सुनाऊँ या रहने दूं?
प्रिंसिपल – आप सुनाते रहो।
लड़की – कहानी को आगे बढ़ाते हुए बोली, हनुमान और spider man दोनों लंका पहुँचकर सीता को बचाये और सीता ने दोनों को thanks बोला।
प्रिंसिपल – क्यों?
लड़की – आपको नहीं पता? जब कोई हमारी मदद करे तो हमें उसे thanks बोलना चाहिये।
प्रिंसिपल – अच्छा, फिर क्या हुआ?
लड़की – और फिर सीता ने हनुमान से request किया Hulk (Hollywood के एक फिल्म का बहुत शक्तिशाली और अहम किरदार) को बुलाने के लिये।
दोबारा ये सुनकर सब की आंखें खुली की खुली ही रह गयी।“
प्रिंसिपल – Hulk, क्यों?
लड़की – क्योँकि सीता अभी भी लंका में हैं और उन्हें सही सलामत, सुरक्षा के साथ राम के पास पहुँचाने के लिये Hulk को बुलाया गया।
प्रिंसिपल झटके के साथ – क्या…? हनुमान सीता को ला सकते है न?
लड़की – हाँ, लेकिन उनके एक हाथ में संजीवनी पहाड़ और दूसरे हाथ में spider man का जाल है, तो वो कैसे ले जा सकते हैं।
“सब लोग जोर जोर से हँसने लगे”
लड़की ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए – जब सब लोग भारत लौटने के लिये तैयार हो रहे थे तभी वो सब वहाँ अपने एक खास दोस्त अक्षय कुमार से मिले….!
प्रिंसिपल – अब अक्षय कुमार कैसे आ गया?
लड़की – ये मेरी कहानी है और मैं किसी को भी ला सकती हूँ।
“प्रिंसिपल लड़की की बात पर गुस्सा न करके आगे आने वाले twist का इंतेजार कर रही थी।”
लड़की कहानी को आगे बढ़ाते हुए – और सब साथ में भारत के लिये रवाना हो गये और आणंद के बस स्टॉप पर आ रुके।
प्रिंसिपल – वो सब आणंद के बस स्टॉप पर क्यों रुके?
लड़की – क्योँकि वो सब रास्ता भूल गये थे। और Hulk को एक आइडिया आया और उसने रानी को बुलाया… ! और रानी आयी और सीता को नीलकण्ठ लेके गयी। और कहानी खतम।
उस लड़की ने कहानी को मुस्कुराहट के साथ खतम किया…
प्रिंसिपल ने पूछा – लेकिन नीलकण्ठ क्यों?
लड़की – क्योँकि सीता वही रहती है और मेरा घर का नाम सीता है।
प्रिंसिपल लड़की से impress हो गयी और लड़की को दाखिला के साथ-साथ एक प्यारी सी गुड़िया भी गिफ्ट की।
सीख:बच्चे अपनी creativity के जरिये पूरी दुनिया को चौंका देने का सामर्थ्य रखते हैं (potential) लेकिन वो ये कर नहीं पाते क्योकि हम उन्हें वही करने देते हैं जो हमें सही लगता है। और जिससे उनकी creativity धीरे-धीरे जाने लगती है।
So, allow your children to do the thing in their own way and watch their dreams come true.