Sad Shayri by Sachin · April 24, 2020 चीज़ बेवफ़ाई से बढ़कर क्या होगी;ग़म-ए-हालात जुदाई से बढ़कर क्या होगी;जिसे देनी हो सज़ा उम्र भर के लिए;सज़ा तन्हाई से बढ़कर क्या होगी।