Sad Shayri by Sachin · April 13, 2020 मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहा,सारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपर,खतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।