Sad Shayari by Sachin · February 5, 2020 मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,हैं मौसम की तरह लोग… बदल जाते हैं,हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं।