सैड शायरी
मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहा,
सारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,
हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपर,
खतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।
by Sachin · March 15, 2020
मोहब्बत में न अपना कोई ठिकाना रहा,
सारी उम्र बस उनका आना-जाना रहा,
हमने राज खुलने न दिए दिल के उनपर,
खतों में हर्फ़ का लिखना मिटाना रहा।
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