30+Teacher Student Jokes Hindi
पप्पू: सर जी लोग हिंदी या इंग्लिश में ही बात करते है। मैथ्स में क्यों नही..?
टीचर:
ज्यादा 3-5 न कर, 9-2-11 हो जा, वरना 5-7 खीच के दूंगा,
6 के 36 नज़र आयेंगे और 32 के 32 बहार आ जायेंगे।
पप्पू: बस सर….. हिंदी और इंग्लिश ही ठीक है। मैथ्स वाकई खोफनाक सब्जेक्ट है।
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शिक्षक छात्र से – इस वाक्य में खाली स्थान भरो
900 चूहे खाकर बिल्ली ……… चली !
छात्र – 900 चूहे खाकर बिल्ली धीरे -२ चली !
शिक्षक – नालायक मजाक करता है ?
निकल जा मेरी क्लास से !
छात्र – सर, ये तो मैने आपका दिल रखने के लिए कह दिया था ,
वरना 900 चूहे खाकर बिल्ली तो क्या उसका बाप भी नहीं चल सकता !
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आज class में teacher ने बच्चों से पूछा
दहेज़ किसे कहते हैं ?
अद्वितीय जवाब सुनने को मिला …
जब कोई लड़का किसी लड़की को जीवन भर
झेलने के लिए तैयार हो जाता हो तो इसके ब
उसे दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दहेज़ कहते हैं |
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Teacher – कल स्कूल क्यू नहीं आये ?
Boy – जी कल तो त्यौहार था ना
Teacher – कौन सा त्यौहार ?
Boy – Madam IPL, ये है INDIA का त्यौहार |
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Teacher – बताओ घर घर शौचालय बनने से क्या लाभ हुआ
Ravi – अब घर से दूर नी जाना पड़ता
Teacher – शाबाश और क्या फायदे
Ravi – Sir और आगे नी सरकना पड़ता |
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ME एग्जाम रूम से बाहर निकल रहा था की।।।
टीचरः- कुछ किया भी है, या ऐसे ही आ गए ?
ME- सर, ब्रेकफास्ट करके आया हूं, और आप ?
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एक समारोह में अध्यापक ने सभी छात्रों से पूछा,
इस कॉलेज में आपका कोई कड़वा अनुभव ?
एक छात्र बोला, मैं और मेरी Wife इसी कॉलेज में मिले थे।
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Teacher – Class में लड़ाई क्यों नही करनी चाहिए ?
Ravi – क्योंकि पता नही एग्जाम में कब किसके पीछे बैठना पड़ जाये !
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Teacher – अगर अपना कैरेक्टर सुधारना चाहते हो, तो अपनी टीचर को मां समझो….
Ravi – मैडम इससे तो हमारे पापा का कैरेक्टर खराब होगा!
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अध्यापक – टेबल पर चाय किसने गिराई? इसे अपनी मातृभाषा मे बोलो ।
छात्र – मातृभाषा मतलब मम्मी की भाषा में ?
अध्यापक – हां ।
छात्र – अरे छाती कूटा म्हारा जीव लियां बिना थने चैन नी पड़े ? ओ की थारो बाप ढोली चाय ?
अध्यापक बेहोश !
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ग्रामर की टीचर पप्पू से –
“संदीप अब शराब नहीं पीता है।
“इसमें संदीप क्या है ??
पप्पू –
इसमें संदीप माता रानी का भगत है और
उसने नवरात्रा रखा हुआ है।
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टीचर : 1869 में क्या हुआ ?
सुरेश :- गांधीजी का जन्म!
टीचर :- बिलकुल सही. बैठो निचे ..
टीचर :- पप्पू तु बोल.. 1872 में क्या हुआ…?
पप्पू :- गांधीजी ३ साल के हो गए… मैं भी बैठू क्या?
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अध्यापक: अकबर कौन था?
पप्पू: अकबर Gay tha
अध्यापक:- क्या? तुम पागल हो गए हो? बताओ ऐसा क्यों लगता है तुम्हे?
पप्पू:-
हम सबने सुना है…
लैला – मजनू,
हीर – राँझा,
सोनी – महिवाल,
रोमियो – जूलिएट
बस केवल…
अकबर – बीरबल !
अध्यापक बेहोश!
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कानपुरिया धमाका
टीचर (लड़के से) : “काहे बे… कल स्कूल काहे नहीं आए…..??”
लड़का : “काहे… कल जौ आये रहें… उनका कलेक्टर बना दिए हो का…??
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टीचर : “कौनसा पंछी सबसे तेज़ उड़ता है?
स्टूडेट : “सर, हाथी।
टीचर : “नालायक, तेरा बाप क्या करता है?
स्टूडेट : “दाउद के गैंग में ‘शूटर है।
टीचर : “शाबाश।
लिखो बच्चो ‘हाथी’।
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अध्यापक: किसी ऐसी जगह का नाम बतायो जहां पर बहुत सारे लोग हों फिर भी तुम अकेला महसूस करो?
छात्र: परीक्षा कक्ष!
अध्यापक: बेहोश!
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मास्टर जी एक होटल में ख़ाली कटोरी में रोटी डुबो-डुबो कर खा रहे थे।
वेटर ने पूछा:
मास्टरजी ख़ाली कटोरी में कैसे खा रहे हैं?
मास्टर जी:
भइया, हम गणित के अध्यापक हैं।
दाल हमने ‘मान ली’ है।
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एक बार प्राइमरी स्कूल में मास्टर जी गहरी नींद मे सो रहे थे
तभी कलेक्टर साहब आ गये
मास्टर जी पकडे गये
बहुत देर उठाने के बाद तब
मास्टर की नींद खुली और बोले
बच्चों कुंभकर्ण ऐसे सोता है
इसे कहते है गतिविधि आधारित शिक्षण…!
कलक्टर साहब सन्न….
मास्टर से बचकर रहना
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क्लास में एक लड़की को सब बुआ-बुआ कहते थे,
एक दिन इस की शिकायत ऊसने अपने टीचर से कर दी!
टीचर ने सब लडको से पूछा?
जो लड़के इस को बुआ कहते है वो सभी खडे हो जाए!
एक लड़के को छोड के सभी खडे हो गये,
टीचर ने पुछा? क्या तुम इस को बुआ नहीं कहते हो !
लड़का बोला, सर मैं तो फूफा हूँ !
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क्या अजीब संयोग है..
स्कूल में हाजिरी लेते लेते अचानक कलम रुक गयी.
लड़की का नाम था “परिधि व्यास”
मैने कहा:
क्या खूब “ज्यामितीय” नाम है !
बेटी… तुम्हारे पापा का नाम…..?
वो बोली : जी….”आधार” चंद्र व्यास ।
और मम्मी…..?
वो बोली : जी…..”त्रिज्या” व्यास ।
और भाई….?
वो बोली : जी “कर्ण” व्यास ।
फिर तो परिवार में “रेखा” और “बिंदु” भी होंगी ?
वो शरमाकर बोली, जी “दोनों” बुआजी हैं मेरी !!
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छात्र से टीचर ने पूछा बताओ एक साल में कितनी रात्रि होती हैं?
छात्र– 10 रात्रि
टीचर — 10 कैसे
छात्र- 9 नवरात्री ओर 1 शिवरात्रि.
टीचर अभी तक कोमा में है ।
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टीचर:
जिसको सुनाई नहीँ देता उसको क्या कहेँगे ?
शिष्य:
कुछ भी कह दो साले को!
कौनसा सुनाई देता है!
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अच्छे और बहुत अच्छे टीचर में अंतर:
अच्छा टीचर वो है जो परीक्षा में आपको कड़ी मेहनत की सलाह दे…
और बहुत अच्छा टीचर वो है, जो आपको परीक्षा के वक़्त कहे..
“कंजरों, पर्चियां चाब जाओ, फ्लाइंग आ गयी”!
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हिंदी का पीरियड था..
मास्टर ने पूछा:
कविता और निबंध मैं क्या अंतर है
स्टूडेंट:
प्रेमिका के मुंह से निकला एक शब्द भी कविता होता है
और
पत्नी का एक ही शब्द निबंध के समान होता है
मास्टर के आंख मैं आंसू आ गए,
गला भर आया,
उन्होने उस लड़के को क्लास का मानीटर बनाया ।
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टीचर छात्र से:
आयात और निर्यात का एक अच्छा सा उदाहरण बताओ.
छात्र:
सोनिया गांधी और सानिया मिर्ज़ा..
टीचर:
तुम्हारे चरण कहाँ हैं बेटा ।
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छात्र (अध्यापक से ):
हज़ारो की किस्मत तेरे हाथ है,
अगर पास करदे तो क्या बात है!
परीक्षा के बाद …
अध्यापक :
गर्लफ्रेंड थोड़ी कम पटाता तो क्या बात थी,
किताबे तो सारी तेरे पास थी |
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अध्यापक: बताओ बच्चो हमारी पृथ्वी किसका चक्कर लगाती है?
संता: – “सूर्य का”
अध्यापक:
बहूत अच्छा बेटे,
और हमारी पृथ्वी का चक्कर कौन लगाता है?
सारे विधार्थी एक साथ: नरेंद्र मोदी!
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टीचर: 1 से 10 तक गिनती सुनाओ।
संता: 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10..
टीचर: 6 कहां है ?
संता: जी वो तो मर गया।
टीचर: मर गया? कैसे मर गया???
संता: जी मैडम, आज सुबह टीवी पर न्यूज में बता रहे थे कि स्वाईन फ्रलू में 6 की मौत हो गई !
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पप्पू की हुई मास्टर से लड़ाई
मास्टर ने की पप्पू की पिटाई
पप्पू का गरम हुआ खून..
गया कब्रिस्तान और मास्टर की,
फोटो टांग के लिख दिया
COMING SOON!
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कल जो मैंने एक बच्चे से पूछा:
पढ़ाई कैसी चल रही है?
उसका जवाब आया
अंकल,
समंदर जितना सिलेबस है;
नदी जितना पढ़ पाते हैं;
बाल्टी जितना याद होता है;
गिलास भर लिख पाते हैं;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
उसी में डूब कर मर जाते हैं।
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मोरक्को के छोटे से गावं में एक बच्चा हामिद रहता था…
उसके स्कूल के बच्चे उसको हमेशा “उल्लू”
बोलकर चिढाते थे
और
उसकी टीचर उस की
बेवकूफियों से हमेशा बहुत परेशान रहती थी..
एक दिन उसकी माँ उसका रिजल्ट जानने उसके
स्कूल गयी और टीचर से हामिद के बारे में पूछा..
टीचर ने कहा कि “अपने जीवन के पचीस साल के
कार्यकाल में उसने पहली बार ऐसा बेवकूफ लड़का देखा है,
ये जीवन में कुछ न कर पायेगा”
यह सुनकर हामिद की माँ बहुत आहात हो गयी
और
उसने शर्म के मारे वो गाँव छोड़कर
एक शहर में चली गयी हामिद को लेकर..
बीस साल बाद जब उस टीचर को दिल की बिमारी हुई
तो सबने उसे शहर के एक डॉक्टर का नाम सुझाया
जो ओपन हार्ट सर्जरी करने में माहिर था..
टीचर ने जा कर सर्जरी करवाई और ऑपरेशन कामयाब रहा..
जब वो बेहोशी से वापस आई और आँख खोली
तो
टीचर ने एक सुदर और सुडौल नौजवान डॉक्टर को
अपने बेड के बगल खड़े हो कर मुस्कुराते हुवे देखा..
वो टीचर डॉक्टर को शुक्रिया बोलने ही वाली थी
अचानक उसका चेहरा नीला पड़ गया..
और
जब तक
डॉक्टर कुछ समझें समझें.. वो टीचर मर गयी..
डॉक्टर अचम्भे से देख रहे थे और समझने की
कोशिश कर रहे थे की आखिर हुवा क्या है..
तभी वो पीछे मुड़े और देखा कि हामिद,
जो की उसी अस्पताल में एक सफाई कर्मचारी था,
उसने वेंटीलेटर का प्लग हटा के
अपना वैक्यूम क्लीनर का प्लग लगा दिया था..
अब अगर आप लोग ये सोच रहे थे कि हामिद
डॉक्टर बन गया था..
तो इसका मतलब ये है की आप
हिंदी/तमिल/तेलुगु फ़िल्में बहुत ज्यादा देखते हैं..
या फिर बहुत ज्यादा प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं..
हामिद उल्लू था और उल्लू ही रहेगा!
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ताऊ मास्टर से – मेरा छोरा पढाई मै कैसा सै ?
मास्टर – चौधरी यू समझ ले,……आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी ।
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टीचर: तुम्हें पता है हमारे पूर्वज बन्दर थे।
जाट: थारे होंगे, महारे तो चौधरी थे।?
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गुरू जी नमस्ते!
पहचाना..?? मैँ आपका शिष्य कल्लू बोल रहा हूँ।
अरे ! कल्लू कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद…
मेरी याद कैसे आ गई ?? …
और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??
गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन सा मुश्किल था ?
जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है। …
दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। …
और आपने बचपन मेँ कहा था की जब
भी कोई काम शुरू करना हमसे उदघाटन जरूर कराना।
तो हम अपने काम का उदघाटन आपसे ही कराना चाहते है।
अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उदघाटनके लिये हमेँ ?
गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..
आपका ‘छोटूवा’ हमरे कब्जे मेँ है।
आज से ही ‘अपरहण’ का धंधा चालू किया तो सोचा की ‘उदघाटन’ आपके शुभ हाथो से ही हो।
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3 ईडियट (पार्ट 2)
रैंचो क्लास में मुस्कुराता रहता है।
टीचर—” आप मुस्कुरा क्यूँ रहे हो ? ”
रैंचो—” आज पहली बार फेसबुक में अकाउंट बनाया है। बहुत मजा आ रहा है। ”
टीचर—” ज्यादा मजा लेने की जरूरत नहीं है। ये बताओ पोस्ट (Post) किसे कहते हैं ? ”
रैंचो—” वो सबकुछ जो फेसबुक में भेजते है post कहलाती है। ”
टीचर—” ज़रा विस्तार से समझाओगे। ”
रैंचो—” सर, जो भी लोग फेसबुक पर डालते हैं, वो post है। घूमने गए, फोटो डाल दिया–post है, मैच देखा, स्कोर डाल दिया–post है, सर।
सर, एक्चुली हम post से घिरे हुए हैं।
कैटरीना की पिक से रोनाल्डो की किक तक, सब कुछ post है, सर।
एक सैकेंड में कमेन्ट, एक सैकेंड में लाइक।
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कमेन्ट–लाइक….
कमेन्ट–लाइक….
कमेन्ट–लाइक….”
टीचर—” शट अप। अकाउंट बनाके ये करोगे। कमेन्ट-लाइक…..कमेन्ट-लाइक ?
हाँ…चतुर तुम बताओ। ”
चतुर—” पिक्चर्स, टेक्स्ट आर वीडियोज पोस्टेड थ्रू मोबाइल आर टैबलेट आर लैपटाप आर डेस्कटाप वाया डिफरेंट आपरेटिंग सिस्टम्स यूजिंग इंटरनेट ऑन फेसबुक इज काल्ड ए पोस्ट। ”
टीचर—” एक्सीलेंट ! ”
रैंचो—” पर सर, मैंने भी तो वही बोला, सीधे सादे शब्दों में। ”
टीचर—” सीधे सादे शब्दों में करना है, तो ऑर्कुट या ट्विटर के पेजेस पे एकाउंट बनाओ। ”
रैंचो—” लेकिन सर, दुसरे साइट्स भी तो…..”
टीचर—” गेट आउट ! ”
रैंचो—” क्यों, सर ? ”
टीचर—” सीधे शब्दों में, बाहर जाइए। ”
(रेंचो, बाहर जाता है और फिर लौट कर आता है।)
टीचर—” क्या हुआ ? ”
रैंचो—” कुछ भूल गया था, सर। ”
टीचर—” क्या ? ”
रैंचो—” ए यूटिलिटी बटन गिवन टू अस, टू प्रोटेक्ट अवर प्राइवेट डाटा, पिक्चर्स, मैसेजेस आर पर्सनल इनफार्मेशन फॉर बींग स्टोलन आर यूज्ड फॉर बेड परपज बाय हैकर्स आर एनीवन एल्स…..”
टीचर—” अरे, कहना क्या चाहते हो ? ”
रैंचो—” लॉगआउट सर, लॉगआउट करना भूल गया था। ”
टीचर—” तो सीधा, सीधा नहीं बोल सकते थे ? ”
रैंचो—” थोड़ी देर पहले कोशिश की थी सर, लेकिन आप को पसंद नहीं आया।”
मास्टर जी- 1 अप्रैल को मुर्ख दिवस क्यों कहते है?
Ravi – हिंदुस्तान की सबसे समझदार जनता, पूरे साल गधो की तरह कमा कर 31st मार्च को अपना सारा पैसा टैक्स मे सरकार को दे देती है। और 1st अप्रैल से फिर से गधो की तरह सरकार के लिए पैसा कमाना शुरू कर देती है। इस लिए 1st अप्रैल को मुर्ख दिवस कहते है।
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रवि पहले दिन स्कूल गया.
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टीचर – “आज आपका स्कूल में पहला दिन है … कुछ पूछना हो तो पूछ सकते हो.”
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रवि – “यहाँ छुट्टियाँ कब से शुरू होंगी
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लेडी टीचर:- अगर दुनिया में लड़की नहीं हो तो क्या होगा?
स्टूडेंट:- कॉलेज़ वीरान गलिया सुनसान दुनियां परेशान तन्हा इंसान ना जानू ना जान हर तरफ जय सिया राम !
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टीचर : सोच और वहम में क्या फर्क है?
स्टूडेंट:आप मस्त आइटम हैं, ये हमारी सोच है। और हम अभी बच्चे हैं ये आपका वहम है
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टीचर- तुम्हारी जाति क्या है
छात्र- पहले मैं सिंह था फिर राजपूत हुआ फिर शर्मा हुआ अभी दर्जी आगे मम्मी की मर्जी!
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अंग्रेजी के प्रोफेसर से पप्पू ने पूछा:– “सर नटुरे का अर्थ क्या होगा ??”
प्रोफेसर हैरान…….
टालने के लिए कह दिया कि कल बता दूँगा!!
उन्होंने पूरी Dictionary छान मारी, किन्तु उन्हें “नटुरे” शब्द नहीं मिला।
अगले दिन पप्पू ने फिर से पूछा:– “सर नटुरे का मतलब क्या होता है?”
उस दिन भी उन्होंने बात टाल दी!!
अब तो वह रोज़ पूछने लगा।…
प्रोफेसर साहब उससे इतना घबराने लगे कि,
उस लड़के को देखते ही रास्ता बदल देते,
किन्तु पप्पू रोज़ आकर उनको टेँशन देकर चला जाता..
अंत में झुँझला कर उन्होंने पप्पू से कहा कि मुझे “नटुरे” की Spelling बताओ…
पप्पू ने कहा:– “NATURE”
प्रोफसर का ख़ून खौल गया…
उन्होंने पप्पू को कहा कि, “मुझे बेवकूफ बनाते हो, “नेचर” को “नटुरे” बोल बोल कर तुमने मेरा जीना मुश्किल कर दिया था।
अब मैं तुम्हें कॉलेज से निकलवा दूँगा…”
पप्पू ने झट से प्रोफेसर के पैर पकड़ लिये और
रोते रोते कहा “सर ऐसा अनर्थ मत कीजिएगा..
नहीं तो…..
मेरा “फुटुरे”(Future) ख़राब हो जाएगा।…”