आज की खूबसूरत ग़ज़लें
आदमी आदमी को क्या देगा जो भी देगा वही ख़ुदा देगा मेरा कातिल ही मेरा मुनिसफ़ है क्या मेरे हक में फ़ैसला देगा ज़िंदगी को करीब से देखो इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा हमसे...
आदमी आदमी को क्या देगा जो भी देगा वही ख़ुदा देगा मेरा कातिल ही मेरा मुनिसफ़ है क्या मेरे हक में फ़ैसला देगा ज़िंदगी को करीब से देखो इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा हमसे...
मस्जिदों के सहन तक जाना बहुत दुश्वार था देर से निकला तो मेरे रास्ते में दार था अपने ही फैलाव के नशे में खोया था दरख्त और हर मौसम टहनी पर फलों का बार...
[stextbox id=’warning’] सर पर जो सायबां थे, पिघलतें हैं धूप में । सब दम-ब-खुद खडे् हुए जलतें हैं धूप में ।। पहचानना किसी का किसी को कठिन हुआ । चेहरे हजार रंग बदलतें हैं...
[stextbox id=’grey’] घर से निकले हो तो सोचा है किधर जाओगे । हर तरफ तेज हवाएॅं हैं, बिखर जाओगे ।। इतना आसां नही लफजों पर भरोसा करना । घर की दहलीज पुकारेगी, जिधर जाओगे...