दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैं तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो...
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैं तुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो...
आबाद रहेंगे वीराने शादाब रहेंगी ज़ंजीरें: हफ़ीज़ मेरठी आबाद रहेंगे वीराने शादाब रहेंगी ज़ंजीरें जब तक दीवाने ज़िंदा हैं फूलेंगी फलेंगी ज़ंजीरें आज़ादी का दरवाज़ा भी ख़ुद ही खोलेंगी ज़ंजीरें टुकड़े टुकड़े हो जाएँगी...
हकीक़त भी यहीं है… हकीक़त भी यहीं है और है फ़साना भी, मुश्किल है किसी का साथ निभाना भी। यूँ ही नहीं कुछ रिश्ते पाक होते हैं, पल में रूठ जाना भी पल...
कुछ बातें अधूरी हैं, कहना भी ज़रूरी है, बिछड़ना मजबूरी था, मिलना भी ज़रूरी है। आज सुन भी जाओ, ये फलसफा जो मजबूरी है, दिल तोड़ना फिर सिलना, ये कैसी फितूरी है। दिल के...