SAD शायरी by Sachin · February 10, 2020 तेरे सिवा कोई मेरे जज़्बात में नहीं,आँखों में वो नमी है जो बरसात में नहीं,पाने की कोशिश तुझे बहुत की मगर,तू एक लकीर है जो मेरे हाथ में नहीं।