Top 10 Teacher Student Jokes
स्टूडेंट : फायदा तो पता नहीं, पर बेइज्जती साल में दो बार हो जाती है😜😝😂[/stextbox] [stextbox id=’download’]टीचर : मैं 2 वाक्य दूंगा आपको उसमें अंतर बताना है
1. उसने बर्तन धोये
2. उसे बर्तन धोने पड़े
संजू : पहले वाक्य में कर्ता अविवाहित है और दुसरे वाक्य में कर्ता विवाहित है। टीचर अभी तक बेहोश है।😂 😃 😃 😂[/stextbox] [stextbox id=’download’]इंजीनियरिंग के स्टूडेन्ट – Sir, हमने कॉलेज में एक ऐसी चीज बनाई है…जिसकी सहायता से आप दीवार के आर-पार देख सकते हैं…
सर (खुश होते हुए) – वाह ! क्या बात है…क्या चीज है वह 😊😊?
स्टुडेन्ट – छेद…😂😂😂😂😂
सर – दे थप्पड़… दे थप्पड़…[/stextbox] [stextbox id=’download’]टीचर: तुम पढ़ने में ध्यान क्यों नहीं देते हो?
स्टूडेंट : क्योंकि पढाई सिर्फ दो वजहों से की जाती है…..
पहला कारण :डर से
दूसरा कारण : शौख़ से
और,बिना वजह के शौख हम रखते नहीं और डरते तो किसी के बाप से नहीं।😂😂[/stextbox] [stextbox id=’download’]
टीचर:
बहुवचन किसे कहते है?
पप्पू:
जब बहू अपने ससुराल वालो को खरी-खोटी सुनाती है
तो उसे बहु वचन कहते है। 😜😝😂
अध्यापक जी बेहोश होते होते बचे।
[/stextbox] [stextbox id=’download’]शिक्षक: MATHS का फुल फॉर्म बताओ..??
छात्र: मेरी आत्मा तुझे हमेशा सताएगी..!
टीचर आज तक सोच रहा है…कि लड़के ने फूल फॉर्म बताया था कि बददुआ दी थी..
[/stextbox] [stextbox id=’download’]टीचर : बच्चो, वादा करो कि कभी शराब, सिगरेट नहीं पिओगे।✊
बच्चे : नहीं पीएंगे।
टीचर : कभी लड़कियों का पीछा नहीं करोगे!
बच्चे : नहीं करेंगे।
टीचर : लड़कियों से दोस्ती नहीं करोगे!
बच्चे : नहीं करेंगे।
टीचर : वतन के लिए जान दे दोगे!
बच्चे : दे देंगे, ऐसी जिन्दगी का करेंगे भी क्या..
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”.
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पप्पू = राधिका शायद रस्ते मे फल बेचने का काम कर रही है.
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गुरूजी = मूर्ख, ये अर्थ नही होता है. चल इसका अर्थ बता:-
“बहुनि मे व्यतीतानि, जन्मानि तव चार्जुन.”
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पप्पू = मेरी बहू के कई बच्चे पैदा हो चुके हैं, सभी का जन्म चार जून को हुआ है.
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गुरूजी गुस्सा हो गये फिर पुछा :-
“तमसो मा ज्योतिर्गमय”
पप्पु= तुम सो जाओ माँ मैं ज्योति से मिलने जाता हुँ.
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गुरूजी = अरे गधे, संस्कृत पढता है कि घास चरता है. अब इसका अर्थ बता:-
“दक्षिणे लक्ष्मणोयस्य वामे तू जनकात्मजा.”
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पप्पू = दक्षिण मे खडे होकर लक्ष्मण बोला जनक आजकल तो तू बहुत मजे मे है.
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गुरूजी = अरे पागल, तुझे १ भी श्लोक का अर्थ नही मालूम है क्या ?
पप्पू = मालूम है ना.
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गूरूजी = तो आखरी बार पूछता हूँ इस श्लोक का सही सही अर्थ बताना.-
हे पार्थ त्वया चापि मम चापि…….!
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क्या अर्थ है जल्दी से बता.
पप्पू = महाभारत के युद्ध मे श्रीकृष्ण भगवान अर्जुन से कह रहे हैं कि……..
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गुरूजी उत्साहित होकर बीच मे ही
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कहते हैं = हाँ, शाबास, बता क्या कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से……..?
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पप्पू =
भगवान बोले = अर्जुन तू भी चाय पी ले, मैं भी चाय पी लेता हूँ. फिर युद्ध करेंगे.
गुरूजी बेहोश…………..[/stextbox] [stextbox id=’download’]
टीचर:-
“क्लास में लड़ाई
क्यों नही करनी चाहिए..?”
पप्पू:-
“क्योंकि पता नही
एग्जाम में कब किसके पीछे
बैठना पड़ जाये..!”
अध्यापक –
टेबल पर चाय किसने गिराई? इसे अपनी मातृभाषा मे बोलो ।
छात्र –
मातृभाषा मतलब मम्मी की भाषा में ?
अध्यापक – हां ।
छात्र – अरे छाती कूटा म्हारा जीव लियां बिना थने चैन नी पड़े ? ओ की थारो बाप ढोली चाय ?
अध्यापक बेहोश !…