Sad Shayri by Sachin · March 21, 2020 तुमने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी,वो दिया आज भी सीने में जला रखा है,देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार,मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।